एक IPS पत्नी ने 498A IPC में लगाए पति पर झूठे आरोप, सुप्रीम कोर्ट में मांगी माफ़ी – क्या है असली कहानी?
हमारे देश में जब कोई शादी टूटी हुई दिखती है, तो अक्सर उसके पीछे Section 498A IPC, domestic violence law in India, और कई बार झूठे केसों की एक लंबी कतार होती है।लेकिन क्या कोई इन झूठे केसों से सच में लड़ सकता है? क्या झूठे मुक़दमे लगाने वालों को…
BREAKING | No Quick Arrests In 498A FIRs In Matrimonial Disputes; Supreme Court Backs Family Welfare Committees
Background of the Case On 22 July 2025, the Hon’ble Supreme Court of India finally put an end to the long pending and contentious matrimonial dispute between Shivangi Bansal (also known as Shivangi Goel), an IPS officer and her husband Sahib Bansal. The apex court used its powers under Article…
DNA Evidence Report सिर्फ पितृत्व साबित करती है, बलात्कार मामले में सहमति(Consent) का अभाव स्थापित नहीं कर सकती: Delhi High Court
क्या सिर्फ DNA Evidence और गर्भावस्था से बलात्कार साबित हो सकता है? क्या Consent (सहमति) का कोई रोल नहीं होता?कल्पना कीजिए, एक युवती अपने पड़ोसी के घर Ludo खेलने जाती है, लेकिन कुछ महीनों बाद पता चलता है कि वह गर्भवती है। वह आरोप लगाती है कि पड़ोसी ने उसके…
Motor Accident Claims | विदेश में कमाने वाले पीड़ितों को भी मिलेगा पूरा दुर्घटना का मुआवजा – Supreme Court
Supreme Court of India ने 11 फरवरी 2025 को एक landmark judgment सुनाया है, जो MACT (Motor Accident Claims Tribunal) के मामलों में foreign income और exchange rate से जुड़े विवादों को हमेशा के लिए सुलझा देगा। 🚨 क्या आप जानते हैं? विदेश में काम करने वाले भारतीय अगर सड़क हादसे का शिकार हो जाएं, तो उन्हें भी अब…
किराए की बढ़ी रकम का एकमुश्त बोझ किरायेदार(Tenant) पर न डाला जाए, किस्तों में भुगतान हो- Kerala High Court
🔎 मुद्दा जो हर व्यापारी और tenant को जानना चाहिए भारत में land dispute case और lease deed legalities हमेशा से कानूनी उलझनों का कारण रहे हैं। किरायेदार(Tenant) और मकान मालिक(Landlord) के बीच किराए को लेकर विवाद नए नहीं हैं, लेकिन एक हालिया Supreme Court judgment जैसी इस Kerala High…
PMLA | जब्त संपत्ति को रखने के लिए व्यक्ति का आरोपी होना जरूरी नहीं : Supreme Court
परिचय: क्यों यह केस महत्वपूर्ण है? हाल ही में, Supreme Court of India ने Union of India vs J.P. Singh के मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जो Prevention of Money Laundering Act (PMLA), 2002 के तहत संपत्ति जब्ती और जब्ती के आदेश की अवधि को लेकर स्पष्टता प्रदान करता है।क्या आप जानते हैं कि…
बाल यौन शोषण(Child Sexual Abuse) के मामले में न्याय की 40 साल लंबी प्रतीक्षा का अंत: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
परिचय: क्या आप जानते हैं कि एक बाल यौन शोषण(Child Sexual Abuse) के मामले में न्याय पाने के लिए पीड़िता को 40 साल तक इंतजार करना पड़ा? 1986 में राजस्थान में एक नाबालिग लड़की के साथ हुए जघन्य अपराध ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया था। लेकिन इस…
Land Acquisition Act के तहत अधिग्रहित भूमि निजी समझौते से वापस नहीं दी जा सकती!
भूमिका कई बार सरकार Land Acquisition Act, 1894 के तहत भूमि का अधिग्रहण (land acquisition) करती है, लेकिन क्या कोई सरकारी एजेंसी निजी समझौते के जरिए अधिग्रहित जमीन लौटा सकती है? इस सवाल का जवाब सुप्रीम कोर्ट ने Delhi Agricultural Marketing Board vs Bhagwan Devi मामले में दिया। इस फैसले…
घर खरीदारों को राहत, Greater Noida Industrial Development Authority (GNIDA) को फटकार! सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
परिचय सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने हाल ही में एक ऐसे मामले में अहम फैसला सुनाया है, जिसमें Greater Noida Industrial Development Authority (GNIDA) की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे। यह मामला उन होम बायर्स (home buyers) से जुड़ा है, जो वर्षों से अपने सपनों का घर पाने की उम्मीद…
दहेज हत्या केस(Dowry Death Case) में जमानत रद्द, जानिए Supreme Court का यह फैसला क्यों है हर महिला के लिए मील का पत्थर!
परिचय (Introduction) दहेज (Dowry) की मांग और उसके कारण होने वाली मौतें(dowry death case) भारतीय समाज के लिए एक गंभीर समस्या बनी हुई हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे मामले में अपना फैसला सुनाया है, जो न केवल dowry death case के मामलों में न्यायिक प्रक्रिया को…