Indian Law Query
  • Top Stories
  • Supreme Court
  • High Court
  • Legal Help
Notification Show More
Latest News
498A IPC
एक IPS पत्नी ने 498A IPC में लगाए पति पर झूठे आरोप, सुप्रीम कोर्ट में मांगी माफ़ी – क्या है असली कहानी?
Supreme Court Top Stories
Matrimonial Dispute
BREAKING | No Quick Arrests In 498A FIRs In Matrimonial Disputes; Supreme Court Backs Family Welfare Committees
Top Stories Supreme Court
DNA Evidence
DNA Evidence Report सिर्फ पितृत्व साबित करती है, बलात्कार मामले में सहमति(Consent) का अभाव स्थापित नहीं कर सकती: Delhi High Court
High Court
Motor Accident Claims
Motor Accident Claims | विदेश में कमाने वाले पीड़ितों को भी मिलेगा पूरा दुर्घटना का मुआवजा – Supreme Court
Supreme Court
Tenant VS Landlord Rent Disputes
किराए की बढ़ी रकम का एकमुश्त बोझ किरायेदार(Tenant) पर न डाला जाए, किस्तों में भुगतान हो- Kerala High Court
High Court Top Stories
Aa
Indian Law Query
Aa
  • Top Stories
  • Supreme Court
  • High Court
  • Legal Help
  • Top Stories
  • Supreme Court
  • High Court
  • Legal Help
Follow US
Indian Law Query > Supreme Court > विवाह टूटने पर तलाक(Divorce) और 25 लाख का गुज़ारा भत्ता(Alimony), पासपोर्ट जब्त करने पर सख्त रोक! Supreme Court
Supreme Court

विवाह टूटने पर तलाक(Divorce) और 25 लाख का गुज़ारा भत्ता(Alimony), पासपोर्ट जब्त करने पर सख्त रोक! Supreme Court

Divorce with Dignity: No Passport Seizure, Fair Alimony!

JagDeep Singh
Last updated: 2025/03/07 at 5:33 PM
JagDeep Singh
Share
15 Min Read
Divorce, Alimony
SHARE
शेयर करें और जागरूकता बढ़ाएं! 🔗⚖️

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिसमें विशाल शाह और मोनालिसा गुप्ता के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद को सुलझाया गया है। यह मामला न केवल तलाक(Divorce) और गुज़ारा भत्ते (Alimony) से जुड़ा है, बल्कि पासपोर्ट जब्त करने (Passport Impounding) और अंतरराष्ट्रीय कानून (International Law) के मुद्दों को भी छूता है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने न केवल कानूनी प्रणाली में नई मिसाल कायम की है, बल्कि यह अन्य वैवाहिक विवादों के लिए भी एक महत्वपूर्ण दिशानिर्देश बन सकता है।
इस ब्लॉग में, हम इस मामले के हर पहलू को विस्तार से समझेंगे और जानेंगे कि कैसे सुप्रीम कोर्ट ने इस जटिल मामले को सुलझाया।

Contents
मामले की पृष्ठभूमि (Case Background)Also Read– Insolvency and Bankruptcy Code पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: क्या अब लोन गारंटर बच सकते हैं कर्ज़ से?मुख्य मुद्दे (Key Issues)Also Read- Domestic Violence Act पर लापरवाही! Supreme Court ने States-UTs पर ठोका भारी जुर्माना!सुप्रीम कोर्ट का फैसला (Supreme Court Judgment)1. तलाक का आदेश (Divorce Decree)2. गुज़ारा भत्ता (Alimony)3. पासपोर्ट की रिहाई (Passport Release)4. सभी मामलों का निपटारा (Settlement of All Cases)Also Read- बिना जांच सीधे FIR हो सकती है! सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला | Prevention Of Corruption Actकानूनी सिद्धांत (Legal Principles)1. विवाह का पूरी तरह से टूट जाना (Irretrievable Breakdown of Marriage)2. पासपोर्ट जब्त करने की प्रक्रिया (Passport Impounding Process)3. गुज़ारा भत्ता का निर्धारण (Determination of Alimony)Also Read- प्रॉपर्टी लोन लेने से पहले जानें: ‘Equitable Mortgage’ और ‘Legal Mortgage’ में क्या है अंतर?निष्कर्ष (Conclusion)Click Here to Read Full Orderसुप्रीम कोर्ट के फैसले से जुड़े सवाल-जवाब (FAQs)1. सुप्रीम कोर्ट ने विशाल शाह और मोनालिसा गुप्ता के मामले में क्या फैसला सुनाया?2. विशाल शाह का पासपोर्ट क्यों जब्त किया गया था?3. सुप्रीम कोर्ट ने पासपोर्ट जब्त करने पर क्या कहा?4. गुज़ारा भत्ता (Alimony) कितना तय किया गया और क्यों?5. विवाह के पूरी तरह से टूट जाने (Irretrievable Breakdown of Marriage) का क्या मतलब है?6. सुप्रीम कोर्ट ने लंबित मामलों को कैसे निपटाया?7. सुप्रीम कोर्ट ने प्राकृतिक न्याय (Natural Justice) के सिद्धांतों पर क्या कहा?8. क्या यह फैसला भविष्य के मामलों के लिए मिसाल बनेगा?9. विशाल शाह और मोनालिसा गुप्ता के बीच विवाद की शुरुआत कैसे हुई?10. सुप्रीम कोर्ट ने गुज़ारा भत्ता तय करते समय किन कारकों को ध्यान में रखा?Table of Contents

मामले की पृष्ठभूमि (Case Background)

विशाल शाह और मोनालिसा गुप्ता का विवाह 19 फरवरी 2018 को हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार संपन्न हुआ था। शादी के बाद, दोनों अमेरिका चले गए, जहां विशाल एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम कर रहे थे। हालांकि, शादी के महज 80 दिनों के भीतर ही उनके रिश्ते में दरार आ गई। मोनालिसा ने विशाल और उनके परिवार के खिलाफ कई मामले दर्ज कराए, जिसके चलते विशाल का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया और उन्हें भारत आने से रोक दिया गया।
वर्ष 2018 से 2020 के बीच, प्रतिवादी अपनी सास के साथ उसी घर में रही। अपीलकर्ता के अनुसार, इस अवधि के दौरान प्रतिवादी ने उसकी मां के साथ गंभीर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न किया, जिसके कारण उन्हें 14 सितंबर 2020 को घर छोड़कर अपनी बेटी के घर शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। परिणामस्वरूप, अपीलकर्ता की मां द्वारा प्रतिवादी के खिलाफ शिकायत मामला संख्या 446C/2020 दर्ज कराया गया, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धाराओं 323, 341, 342, 379, 403, 504, 506 और 120B के तहत अपराध दर्ज किए गए।

Also Read– Insolvency and Bankruptcy Code पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: क्या अब लोन गारंटर बच सकते हैं कर्ज़ से?

मुख्य मुद्दे (Key Issues)

  1. तलाक और गुज़ारा भत्ता (Divorce and Alimony):
    विशाल ने सुप्रीम कोर्ट में तलाक की याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उनका विवाह पूरी तरह से टूट चुका है (Irretrievable Breakdown of Marriage)। उन्होंने मोनालिसा को 25 लाख रुपये की एकमुश्त राशि गुज़ारा भत्ते के रूप में देने का प्रस्ताव भी रखा।
  2. पासपोर्ट जब्त करना (Passport Impounding):
    विशाल का पासपोर्ट 3 अक्टूबर 2018 को जब्त कर लिया गया था, क्योंकि मोनालिसा ने उनके खिलाफ कई मामले दर्ज कराए थे। विशाल ने दावा किया कि उन्हें पासपोर्ट जब्त करने से पहले सुनवाई का मौका नहीं दिया गया, जो कि प्राकृतिक न्याय (Natural Justice) के सिद्धांतों के खिलाफ है।
  3. अंतरराष्ट्रीय कानून (International Law):
    विशाल अमेरिका में रह रहे थे, और उनके पासपोर्ट जब्त होने के कारण वे भारत नहीं आ सके। इसके चलते, उन्हें अदालत में पेश होने के लिए प्रत्यर्पण (Extradition) की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया गया।

Also Read- Domestic Violence Act पर लापरवाही! Supreme Court ने States-UTs पर ठोका भारी जुर्माना!

सुप्रीम कोर्ट का फैसला (Supreme Court Judgment)

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए, जो न केवल विशाल और मोनालिसा के लिए, बल्कि भारतीय कानूनी प्रणाली (Indian Legal System) के लिए भी मिसाल कायम करते हैं।

1. तलाक का आदेश (Divorce Decree)

सुप्रीम कोर्ट ने विशाल और मोनालिसा के बीच विवाह को तलाक के आधार पर भंग कर दिया। कोर्ट ने माना कि यह मामला विवाह के पूरी तरह से टूट जाने (Irretrievable Breakdown of Marriage) का एक स्पष्ट उदाहरण है। कोर्ट ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच कोई मेल-जोल (Reconciliation) संभव नहीं है, और विवाह को जारी रखने का कोई मतलब नहीं है।

2. गुज़ारा भत्ता (Alimony)

कोर्ट ने विशाल को मोनालिसा को 25 लाख रुपये की एकमुश्त राशि गुज़ारा भत्ते के रूप में देने का आदेश दिया। यह राशि दो महीने के भीतर जमा करनी होगी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर मोनालिसा इस राशि को लेने से इनकार करती है, तो यह राशि विशाल को वापस कर दी जाएगी।

3. पासपोर्ट की रिहाई (Passport Release)

सुप्रीम कोर्ट ने विशाल के पासपोर्ट को जब्त करने के आदेश को अवैध (Illegal) करार दिया। कोर्ट ने कहा कि पासपोर्ट जब्त करने से पहले विशाल को सुनवाई का मौका नहीं दिया गया, जो कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर विशाल का पासपोर्ट जारी करने का आदेश दिया।

4. सभी मामलों का निपटारा (Settlement of All Cases)

कोर्ट ने विशाल और मोनालिसा के बीच लंबित सभी मामलों को बंद करने का आदेश दिया। इसमें आपराधिक मामले (Criminal Cases), घरेलू हिंसा से जुड़े मामले (Domestic Violence Cases), और नागरिक मामले (Civil Cases) शामिल हैं।

Also Read- बिना जांच सीधे FIR हो सकती है! सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला | Prevention Of Corruption Act

कानूनी सिद्धांत (Legal Principles)

इस मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण कानूनी सिद्धांतों को स्पष्ट किया, जो भविष्य में ऐसे मामलों के लिए मिसाल बन सकते हैं।

1. विवाह का पूरी तरह से टूट जाना (Irretrievable Breakdown of Marriage)

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर विवाह पूरी तरह से टूट चुका है, और पक्षों के बीच कोई सामंजस्य संभव नहीं है, तो कोर्ट को संविधान के अनुच्छेद 142 (Article 142 of the Constitution) के तहत विवाह को भंग करने का अधिकार है।

2. पासपोर्ट जब्त करने की प्रक्रिया (Passport Impounding Process)

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पासपोर्ट जब्त करने से पहले व्यक्ति को सुनवाई का मौका दिया जाना चाहिए। पासपोर्ट जब्त करना एक गंभीर कदम है, और इसे बिना किसी वैध कारण के नहीं किया जाना चाहिए।

3. गुज़ारा भत्ता का निर्धारण (Determination of Alimony)

कोर्ट ने गुज़ारा भत्ता तय करते समय कई कारकों को ध्यान में रखा, जैसे कि पक्षों की आर्थिक स्थिति (Financial Status), विवाह के दौरान जीवन स्तर (Standard of Living), और पक्षों की आय (Income)।

Also Read- प्रॉपर्टी लोन लेने से पहले जानें: ‘Equitable Mortgage’ और ‘Legal Mortgage’ में क्या है अंतर?

निष्कर्ष (Conclusion)

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला न केवल विशाल और मोनालिसा के लिए, बल्कि भारतीय कानूनी प्रणाली के लिए भी एक मिसाल है। इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि कोर्ट न्यायिक प्रक्रिया (Judicial Process) में पक्षों के अधिकारों (Rights of Parties) की रक्षा करने के साथ-साथ उनके भविष्य को भी सुरक्षित करने का प्रयास करता है।

अगर आपको यह ब्लॉग पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें। अगर आपके पास कोई सवाल या सुझाव है, तो कमेंट बॉक्स में हमें बताएं।

Click Here to Read Full Order

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जुड़े सवाल-जवाब (FAQs)

1. सुप्रीम कोर्ट ने विशाल शाह और मोनालिसा गुप्ता के मामले में क्या फैसला सुनाया?

सुप्रीम कोर्ट ने विशाल शाह और मोनालिसा गुप्ता के बीच विवाह को तलाक के आधार पर भंग कर दिया। कोर्ट ने यह फैसला “विवाह के पूरी तरह से टूट जाने” (Irretrievable Breakdown of Marriage) के आधार पर दिया। साथ ही, कोर्ट ने विशाल को मोनालिसा को 25 लाख रुपये की एकमुश्त राशि गुज़ारा भत्ते (Alimony) के रूप में देने का आदेश दिया।

2. विशाल शाह का पासपोर्ट क्यों जब्त किया गया था?

विशाल शाह का पासपोर्ट 3 अक्टूबर 2018 को जब्त कर लिया गया था, क्योंकि मोनालिसा गुप्ता ने उनके खिलाफ कई मामले दर्ज कराए थे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस कदम को अवैध (Illegal) करार दिया, क्योंकि विशाल को पासपोर्ट जब्त करने से पहले सुनवाई का मौका नहीं दिया गया था।

3. सुप्रीम कोर्ट ने पासपोर्ट जब्त करने पर क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पासपोर्ट जब्त करना एक गंभीर कदम है, और इसे बिना किसी वैध कारण के नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर विशाल का पासपोर्ट जारी करने का आदेश दिया।

4. गुज़ारा भत्ता (Alimony) कितना तय किया गया और क्यों?

सुप्रीम कोर्ट ने विशाल शाह को मोनालिसा गुप्ता को 25 लाख रुपये की एकमुश्त राशि गुज़ारा भत्ते के रूप में देने का आदेश दिया। यह राशि दोनों पक्षों की आर्थिक स्थिति (Financial Status), विवाह के दौरान जीवन स्तर (Standard of Living), और लंबे समय से अलग रहने की स्थिति को ध्यान में रखते हुए तय की गई।

5. विवाह के पूरी तरह से टूट जाने (Irretrievable Breakdown of Marriage) का क्या मतलब है?

विवाह के पूरी तरह से टूट जाने का मतलब है कि पति-पत्नी के बीच कोई सामंजस्य (Reconciliation) संभव नहीं है, और विवाह को जारी रखने का कोई मतलब नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इस आधार पर विशाल और मोनालिसा के विवाह को भंग कर दिया।

6. सुप्रीम कोर्ट ने लंबित मामलों को कैसे निपटाया?

सुप्रीम कोर्ट ने विशाल शाह और मोनालिसा गुप्ता के बीच लंबित सभी मामलों को बंद करने का आदेश दिया। इसमें आपराधिक मामले (Criminal Cases), घरेलू हिंसा से जुड़े मामले (Domestic Violence Cases), और नागरिक मामले (Civil Cases) शामिल हैं।

7. सुप्रीम कोर्ट ने प्राकृतिक न्याय (Natural Justice) के सिद्धांतों पर क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पासपोर्ट जब्त करने जैसे गंभीर कदम उठाने से पहले व्यक्ति को सुनवाई का मौका दिया जाना चाहिए। यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों (Principles of Natural Justice) के अनुरूप है।

8. क्या यह फैसला भविष्य के मामलों के लिए मिसाल बनेगा?

हां, सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला भविष्य में ऐसे मामलों के लिए एक मिसाल (Precedent) बन सकता है, खासकर विवाह के पूरी तरह से टूट जाने (Irretrievable Breakdown of Marriage) और पासपोर्ट जब्त करने (Passport Impounding) से जुड़े मामलों में।

9. विशाल शाह और मोनालिसा गुप्ता के बीच विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

विशाल और मोनालिसा का विवाह 19 फरवरी 2018 को हुआ था, लेकिन शादी के महज 80 दिनों के भीतर ही उनके रिश्ते में दरार आ गई। मोनालिसा ने विशाल और उनके परिवार के खिलाफ कई मामले दर्ज कराए, जिसके चलते यह विवाद कोर्ट तक पहुंच गया।

10. सुप्रीम कोर्ट ने गुज़ारा भत्ता तय करते समय किन कारकों को ध्यान में रखा?

सुप्रीम कोर्ट ने गुज़ारा भत्ता तय करते समय कई कारकों को ध्यान में रखा, जैसे कि पक्षों की आर्थिक स्थिति (Financial Status), विवाह के दौरान जीवन स्तर (Standard of Living), और पक्षों की आय (Income)।

Table of Contents

  • मामले की पृष्ठभूमि (Case Background)
    • Also Read- Insolvency and Bankruptcy Code पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: क्या अब लोन गारंटर बच सकते हैं कर्ज़ से?
  • मुख्य मुद्दे (Key Issues)
    • Also Read- Domestic Violence Act पर लापरवाही! Supreme Court ने States-UTs पर ठोका भारी जुर्माना!
  • सुप्रीम कोर्ट का फैसला (Supreme Court Judgment)
    • 1. तलाक का आदेश (Divorce Decree)
    • 2. गुज़ारा भत्ता (Alimony)
    • 3. पासपोर्ट की रिहाई (Passport Release)
    • 4. सभी मामलों का निपटारा (Settlement of All Cases)
    • Also Read- बिना जांच सीधे FIR हो सकती है! सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला | Prevention Of Corruption Act
  • कानूनी सिद्धांत (Legal Principles)
    • 1. विवाह का पूरी तरह से टूट जाना (Irretrievable Breakdown of Marriage)
    • 2. पासपोर्ट जब्त करने की प्रक्रिया (Passport Impounding Process)
    • 3. गुज़ारा भत्ता का निर्धारण (Determination of Alimony)
    • Also Read- प्रॉपर्टी लोन लेने से पहले जानें: ‘Equitable Mortgage’ और ‘Legal Mortgage’ में क्या है अंतर?
  • निष्कर्ष (Conclusion)
    • Click Here to Read Full Order
  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जुड़े सवाल-जवाब (FAQs)
    • 1. सुप्रीम कोर्ट ने विशाल शाह और मोनालिसा गुप्ता के मामले में क्या फैसला सुनाया?
    • 2. विशाल शाह का पासपोर्ट क्यों जब्त किया गया था?
    • 3. सुप्रीम कोर्ट ने पासपोर्ट जब्त करने पर क्या कहा?
    • 4. गुज़ारा भत्ता (Alimony) कितना तय किया गया और क्यों?
    • 5. विवाह के पूरी तरह से टूट जाने (Irretrievable Breakdown of Marriage) का क्या मतलब है?
    • 6. सुप्रीम कोर्ट ने लंबित मामलों को कैसे निपटाया?
    • 7. सुप्रीम कोर्ट ने प्राकृतिक न्याय (Natural Justice) के सिद्धांतों पर क्या कहा?
    • 8. क्या यह फैसला भविष्य के मामलों के लिए मिसाल बनेगा?
    • 9. विशाल शाह और मोनालिसा गुप्ता के बीच विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
    • 10. सुप्रीम कोर्ट ने गुज़ारा भत्ता तय करते समय किन कारकों को ध्यान में रखा?

TAGGED: Alimony, Article142, CriminalCases, Divorce, DomesticViolence, IrretrievableBreakdownOfMarriage, SupremeCourtJudgment
Share this Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Might Also Like

498A IPC
Supreme CourtTop Stories

एक IPS पत्नी ने 498A IPC में लगाए पति पर झूठे आरोप, सुप्रीम कोर्ट में मांगी माफ़ी – क्या है असली कहानी?

July 24, 2025
Matrimonial Dispute
Top StoriesSupreme Court

BREAKING | No Quick Arrests In 498A FIRs In Matrimonial Disputes; Supreme Court Backs Family Welfare Committees

July 23, 2025
Motor Accident Claims
Supreme Court

Motor Accident Claims | विदेश में कमाने वाले पीड़ितों को भी मिलेगा पूरा दुर्घटना का मुआवजा – Supreme Court

March 26, 2025
PMLA
Supreme CourtTop Stories

PMLA | जब्त संपत्ति को रखने के लिए व्यक्ति का आरोपी होना जरूरी नहीं : Supreme Court

March 23, 2025
Indian Law QueryIndian Law Query
Follow US

© 2025 Indian Law Query. All Rights Reserved.

  • About – Indian Law Query
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?