परिचय: Criminal Law India और Passport Restrictions पर Bombay High Court का महत्वपूर्ण निर्णय
क्या किसी व्यक्ति को Passport Restrictions या Travel Ban के आधार पर International Travel से रोका जा सकता है, अगर उसके खिलाफ Criminal Case लंबित हो? यह सवाल लंबे समय से Indian Legal System में बहस का विषय बना हुआ है। हाल ही में, Bombay High Court Judgment में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया गया, जिसमें एक आरोपी को Haj Pilgrimage के लिए विदेश जाने की अनुमति दी गई, जबकि उसकी Criminal Appeal अभी अदालत में लंबित थी। यह मामला Judicial Discretion in Criminal Cases और Bail Conditions in India को लेकर एक नई मिसाल स्थापित कर सकता है।
यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?
- व्यापारियों और उद्यमियों के लिए – क्या आपराधिक मामला लंबित होने पर विदेश यात्रा प्रतिबंधित हो सकती है?
- वकीलों और कानूनी पेशेवरों के लिए – यह मामला Passport Restrictions in India और Judicial Discretion in Criminal Cases पर नई मिसाल रखता है।
- सामान्य नागरिकों के लिए – यह जानना ज़रूरी है कि अगर किसी पर Criminal Charges हैं, तो वह विदेश यात्रा कर सकता है या नहीं।
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मामले की पृष्ठभूमि: Supreme Court Judgment on Passport Restrictions
मामले का संक्षिप्त विवरण
📌 मामला: Rahim Khan Sandu Khan vs State of Maharashtra (Criminal Application No. 365/2025)
📌 कोर्ट: Bombay High Court (Aurangabad Bench)
📌 फैसले की तारीख: 25 फरवरी, 2025
📌 कानूनी धाराएँ: Indian Electricity Act, Section 135
क्या हुआ था?
- आरोपी Rahim Khan Sandu Khan को Indian Electricity Act, Section 135 के तहत दोषी ठहराया गया था।
- इस फैसले के खिलाफ Criminal Appeal No. 643/2016 दाखिल की गई, जो अभी लंबित है।
- आरोपी ने अदालत से April 2025 से July 2025 तक Haj Pilgrimage के लिए विदेश यात्रा की अनुमति मांगी।
- सरकार ने कहा कि आरोपी को विदेश जाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि उसका मामला अभी अदालत में है।
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Bombay High Court का फैसला: क्या Criminal Case के बावजूद विदेश यात्रा संभव है?
High Court के मुख्य तर्क
🔹 सजा निलंबित (Suspended Sentence) – अदालत ने कहा कि आरोपी की सजा पहले से Suspended है, इसलिए उसे यात्रा करने से रोका नहीं जा सकता। 🔹 Appeal लंबित है – मामला 2016 से लंबित है और जल्द सुनवाई की कोई संभावना नहीं है। 🔹 धार्मिक स्वतंत्रता (Right to Religion) – अदालत ने माना कि Haj Pilgrimage इस्लाम धर्म में अनिवार्य है, और इसे रोकने का कोई वैध कारण नहीं है।
Bombay High Court के आदेश
✅ आरोपी को विदेश यात्रा की अनुमति दी गई, लेकिन कुछ शर्तों के साथ:
- आरोपी को यात्रा की पूरी जानकारी (टिकट, यात्रा कार्यक्रम, ठहरने की जगह, एयरलाइंस की डिटेल्स) अदालत और पुलिस को देनी होगी।
- उसे अपनी संपत्तियों की जानकारी भी पुलिस को देनी होगी, ताकि गारंटी हो कि वह भारत वापस लौटेगा।
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Bombay High Court के फैसले में न्यायाधीश के सटीक शब्द:
Hon’ble Justice Abhay S. Waghwase ने इस केस में फैसला सुनाते हुए कहा:
“In view of the grounds raised in the application, and as appeal is of the year 2016, and there is no immediate chance of appeal being taken for hearing, for religious purpose, application deserves to be allowed.”
🔹 हिंदी अनुवाद:
“आवेदन में उठाए गए तर्कों को ध्यान में रखते हुए, और चूंकि अपील 2016 से लंबित है तथा इसकी शीघ्र सुनवाई की कोई संभावना नहीं है, धार्मिक उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, यह आवेदन स्वीकार किया जाना चाहिए।”
इसके आधार पर Bombay High Court ने आरोपी को Haj Pilgrimage के लिए April 2025 से July 2025 तक विदेश यात्रा की अनुमति दी, बशर्ते कि वह Passport Restrictions का पालन करे और अपनी यात्रा की पूरी जानकारी (टिकट, यात्रा कार्यक्रम, ठहरने की जगह, एयरलाइंस की डिटेल्स) अदालत और पुलिस को सौंपे।
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इस फैसले का प्रभाव: भविष्य में ऐसे मामलों पर क्या असर होगा?
📌 व्यापारियों और उद्यमियों के लिए: अगर किसी व्यवसायी पर कोई Criminal Charges हैं, तो क्या वह International Business Trip पर जा सकता है? यह केस इस प्रश्न का उत्तर देता है। 📌 भारतीय नागरिकों के लिए: यह केस दिखाता है कि Passport Seizure और Travel Ban के मामले में न्यायपालिका किस तरह से निर्णय ले सकती है। 📌 वकीलों के लिए: यह केस Criminal Law India और Judicial Discretion in Bail Matters के बीच संतुलन बनाने का एक उदाहरण है।
निष्कर्ष: क्या Criminal Case किसी को विदेश यात्रा से रोक सकता है?
🔴 अगर सजा निलंबित हो और मामला लंबित हो, तो अदालत यात्रा की अनुमति दे सकती है। ⚖️ यह फैसला व्यापारियों, कानूनी पेशेवरों और आम नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण नज़ीर बन सकता है।
💬 आपका क्या विचार है? क्या आपको लगता है कि यह फैसला सही है? क्या किसी आरोपी को विदेश यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए? अपनी राय कमेंट में ज़रूर दें!
📢 नोट: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य के लिए है। किसी भी कानूनी सलाह के लिए योग्य अधिवक्ता से परामर्श करें।