Indian Law Query
  • Top Stories
  • Supreme Court
  • High Court
  • Legal Help
Notification Show More
Latest News
498A IPC
एक IPS पत्नी ने 498A IPC में लगाए पति पर झूठे आरोप, सुप्रीम कोर्ट में मांगी माफ़ी – क्या है असली कहानी?
Supreme Court Top Stories
Matrimonial Dispute
BREAKING | No Quick Arrests In 498A FIRs In Matrimonial Disputes; Supreme Court Backs Family Welfare Committees
Top Stories Supreme Court
DNA Evidence
DNA Evidence Report सिर्फ पितृत्व साबित करती है, बलात्कार मामले में सहमति(Consent) का अभाव स्थापित नहीं कर सकती: Delhi High Court
High Court
Motor Accident Claims
Motor Accident Claims | विदेश में कमाने वाले पीड़ितों को भी मिलेगा पूरा दुर्घटना का मुआवजा – Supreme Court
Supreme Court
Tenant VS Landlord Rent Disputes
किराए की बढ़ी रकम का एकमुश्त बोझ किरायेदार(Tenant) पर न डाला जाए, किस्तों में भुगतान हो- Kerala High Court
High Court Top Stories
Aa
Indian Law Query
Aa
  • Top Stories
  • Supreme Court
  • High Court
  • Legal Help
  • Top Stories
  • Supreme Court
  • High Court
  • Legal Help
Follow US
Indian Law Query > Supreme Court > Motor Accident Claims | विदेश में कमाने वाले पीड़ितों को भी मिलेगा पूरा दुर्घटना का मुआवजा – Supreme Court
Supreme Court

Motor Accident Claims | विदेश में कमाने वाले पीड़ितों को भी मिलेगा पूरा दुर्घटना का मुआवजा – Supreme Court

JagDeep Singh
Last updated: 2025/03/26 at 3:26 PM
JagDeep Singh
Share
8 Min Read
Motor Accident Claims
SHARE
शेयर करें और जागरूकता बढ़ाएं! 🔗⚖️

Supreme Court of India ने 11 फरवरी 2025 को एक landmark judgment सुनाया है, जो MACT (Motor Accident Claims Tribunal) के मामलों में foreign income और exchange rate से जुड़े विवादों को हमेशा के लिए सुलझा देगा।


🚨 क्या आप जानते हैं? विदेश में काम करने वाले भारतीय अगर सड़क हादसे का शिकार हो जाएं, तो उन्हें भी अब पूरा मुआवजा(Motor Accident Claims) मिलेगा!

Contents
Also Read- घर खरीदारों को राहत, Greater Noida Industrial Development Authority (GNIDA) को फटकार! सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला📜 केस की पृष्ठभूमि: क्या हुआ था?दुर्घटना और मौत का दुखद मामलापरिवार ने मांगा 9 करोड़ का मुआवजाAlso Read- क्या मरते वक्त दिया गया बयान (Dying Declaration) ही सजा के लिए काफी है? Supreme Court का अहम फैसला!⚖️ कोर्ट का फैसला: 3 बड़े सवालों का जवाब1. मुआवजे की गणना में Dollar-Rupee Exchange Rate कब लागू होगा?2. क्या विदेशी कमाई वाले पीड़ितों के लिए Multiplier कम होगा?3. Conventional Heads (अन्य मदों) में कितना मिलेगा?Click Here to Read Full Judgement💡 इस फैसले का क्या असर होगा?1. NRI और विदेश में काम करने वालों के लिए राहत2. Insurance Companies और Transport Corporations के लिए चेतावनी3. वकीलों और Legal Experts के लिए Key Takeaways📢 आपके लिए Action Plan🤔 आपकी राय क्या है?Also Read- किराए की बढ़ी रकम का एकमुश्त बोझ किरायेदार(Tenant) पर न डाला जाए, किस्तों में भुगतान हो- Kerala High Court

सोचिए, अगर आपका कोई अपना अमेरिका या दुबई में नौकरी करता हो और भारत आते समय सड़क हादसे का शिकार हो जाए, तो क्या उसे उसकी असली कमाई के हिसाब से मुआवजा(Motor Accident Claims) मिल पाएगा? यही सवाल आंध्र प्रदेश के एक परिवार के मन में भी था, जब 2009 में उनकी पत्नी और माँ एक बस हादसे में चल बसीं।

14 साल के लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने 11 फरवरी 2025 को ऐतिहासिक फैसला सुनाया – “विदेश में कमाने वाले पीड़ितों को भी भारत में पूरा मुआवजा(Motor Accident Claims) मिलेगा!”

इस फैसले ने न केवल एक परिवार को न्याय दिलाया, बल्कि NRI और विदेशों में काम करने वाले लाखों भारतीयों के हक़ की लड़ाई को भी मजबूती दी। अब कोई भी यह नहीं कह सकता कि आप विदेश में कमाते हैं इसलिए आपको कम मुआवजा मिलेगा!

क्या आप जानना चाहेंगे कि:

कैसे यह फैसला आपके और आपके परिवार के हक़ों की रक्षा करता है?


🚨 क्या आप जानते हैं कि एक सड़क दुर्घटना में मारी गई NRI महिला के परिवार को 9.6 करोड़ रुपये का मुआवजा(Motor Accident Claims) मिला?

यह फैसला Shyam Prasad Nagalla & Ors. vs. Andhra Pradesh State Road Transport Corporation के मामले में आया है, जिसमें NRI परिवार को 9.64 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया

क्यों हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया?

अगर आप या आपका कोई जान-पहचान वाला विदेश में काम करता है, तो यह केस आपके लिए बेहद अहम है!


Also Read- घर खरीदारों को राहत, Greater Noida Industrial Development Authority (GNIDA) को फटकार! सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला


📜 केस की पृष्ठभूमि: क्या हुआ था?


दुर्घटना और मौत का दुखद मामला

  • 13 जून 2009 को, लक्ष्मी नागाला (43 वर्ष) अपने परिवार के साथ होंडा सिटी कार में सफर कर रही थीं।
  • Andhra Pradesh State Road Transport Corporation (APSRTC) की एक बस ने rash and negligent driving करते हुए उनकी कार से टक्कर मार दी।
  • इस हादसे में लक्ष्मी की मौत हो गई, जबकि बाकी परिवार के सदस्य गंभीर रूप से घायल हुए।

परिवार ने मांगा 9 करोड़ का मुआवजा

लक्ष्मी USA की सॉफ्टवेयर इंजीनियर थीं और $11,600 (करीब 8.5 लाख रुपये) प्रति माह कमाती थीं। उनके पति और दो बेटियों ने MACT(Motor Accident Claims Tribunal) में 9 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा।

मामला: Shyam Prasad Nagalla & Ors. v. The Andhra Pradesh State Board Transport Corporation & Ors
कोर्ट: Supreme Court of India
फैसला: 11 Feb 2025


Also Read- क्या मरते वक्त दिया गया बयान (Dying Declaration) ही सजा के लिए काफी है? Supreme Court का अहम फैसला!


⚖️ कोर्ट का फैसला: 3 बड़े सवालों का जवाब

1. मुआवजे की गणना में Dollar-Rupee Exchange Rate कब लागू होगा?

  • MACT ने 2012 के exchange rate (1 डॉलर = 57 रुपये) के आधार पर मुआवजा दिया।
  • High Court ने इसे बदल दिया, लेकिन Supreme Court ने कहा:“मुआवजे की गणना Claim Petition दाखिल करने की तारीख के exchange rate से होगी, न कि दुर्घटना की तारीख से।”
    • Precedent: Jiju Kuruvila v. Kunjujamma Mohan (2013) और DLF Ltd. v. Koncar Generators (2024) केस में भी यही सिद्धांत अपनाया गया था।

2. क्या विदेशी कमाई वाले पीड़ितों के लिए Multiplier कम होगा?

  • MACT ने Multiplier 14 लगाया (लक्ष्मी की उम्र 43 साल थी)।
  • High Court ने इसे घटाकर 10 कर दिया, क्योंकि लक्ष्मी Dollar में कमाई करती थीं।
  • Supreme Court ने High Court के फैसले को पलट दिया और कहा:“National Insurance Co. v. Pranay Sethi (2017) के अनुसार, Multiplier उम्र पर निर्भर करता है, न कि income के स्रोत पर।”
    • अंतिम मुआवजा 9.64 करोड़ रुपये तय किया गया।

3. Conventional Heads (अन्य मदों) में कितना मिलेगा?

  • Funeral Expenses: ₹18,150
  • Loss of Estate: ₹18,150
  • Loss of Consortium: ₹96,800 (पति और दो बेटियों के लिए)


    सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया, वो मानो उन दो बेटियों के आँखों के आँसू पोछने जैसा था जिसने 14 साल तक इंसाफ की राह देखी।
  • देखिए, जब हमारे यहाँ कोई विदेश से आता है तो उसे “NRI” का टैग लग जाता है। मगर दुर्भाग्य से, अदालतों में कई बार यही टैग उनके हक़ों पर भारी पड़ जाता था। कह दिया जाता था – “आप तो डॉलर में कमाते हैं, आपको रुपए में कम मुआवजा (Motor Accident Claims) मिलेगा।”
  • लेकिन अब यह नाइंसाफी खत्म!
  • जस्टिस संजय करोल और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने साफ़ कहा –
  • “चाहे पीड़ित अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हो या सऊदी में लेबर, मुआवजे(Motor Accident Claims) का हिसाब एक जैसा होगा।”
  • ये फैसला सुनकर वकील हक्के-बक्के रह गए! क्योंकि:
  • 2012 के एक्सचेंज रेट (1 डॉलर = 57 रुपए) पर ही गणना होगी
  • प्रणय सेठी केस की धारा को और मजबूती मिली
  • सबसे मार्मिक बात?
  • जब कोर्ट ने कहा – “मौत के बाद तो सभी एक समान होते हैं, फिर चाहे वो रुपए कमाते हों या डॉलर।” ये शब्द न सिर्फ़ कानून की किताबों में, बल्कि उस पति और दो अनाथ बेटियों के दिलों में भी दर्ज हो गए, जिन्हें आखिरकार उनकी माँ की कमाई का पूरा हक़ मिला।
  • सच तो ये है…
  • ये फैसला सिर्फ़ 9 करोड़ रुपए की बात नहीं है। ये उन सभी भारतीयों के लिए आशा की किरण है जो विदेश में पसीना बहाकर परिवार का पेट पालते हैं। अब उन्हें यह डर नहीं कि अगर कभी दुर्भाग्य से कुछ हो जाए, तो उनके बच्चों को उनकी मेहनत का पूरा मोल नहीं मिलेगा।
  • क्या आपको नहीं लगता कि यह फैसला हर उस माँ-बाप के लिए सुकून की बात है जो बच्चों को विदेश पढ़ने भेजते हैं?

Click Here to Read Full Judgement


💡 इस फैसले का क्या असर होगा?

1. NRI और विदेश में काम करने वालों के लिए राहत

  • अब foreign income वाले पीड़ितों को भारतीय दरों के आधार पर कम मुआवजा(Motor Accident Claims) नहीं मिलेगा।
  • Exchange Rate का फायदा Claimants को मिलेगा।

2. Insurance Companies और Transport Corporations के लिए चेतावनी

  • Rash driving के मामलों में अब ज्यादा मुआवजा(Motor Accident Claims) देना होगा।
  • High Court के फैसले अगर गलत हों, तो Supreme Court उन्हें पलट सकता है।

3. वकीलों और Legal Experts के लिए Key Takeaways

  • MACT(Motor Accident Claims Tribunal) केस में Multiplier का सही उपयोग करें (Pranay Sethi केस फॉलो करें)।
  • Exchange Rate का सही समय (Claim Filing Date) साबित करने के लिए डॉक्यूमेंटेशन जरूरी है।

📢 आपके लिए Action Plan

  • अगर आप NRI हैं या विदेश में काम करते हैं, तो अच्छी Insurance Coverage लें।
  • दुर्घटना होने पर तुरंत Legal Expert से संपर्क करें – MACT(Motor Accident Claims Tribunal) Claim में देरी न करें।
  • Exchange Rate और Multiplier के नियम समझें, ताकि पूरा मुआवजा मिल सके।

🤔 आपकी राय क्या है?

क्या विदेश में कमाने वालों को ज्यादा मुआवजा मिलना चाहिए? कमेंट में बताएं!

⚠️ Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के लिए है। कानूनी सलाह के लिए हमेशा Certified Lawyer से संपर्क करें।


Also Read- किराए की बढ़ी रकम का एकमुश्त बोझ किरायेदार(Tenant) पर न डाला जाए, किस्तों में भुगतान हो- Kerala High Court


TAGGED: Justice Prashant Kumar Mishra, Justice Sanjay Karol, landmark judgements, Motor Accident Claims, road accident, Shyam Prasad Nagalla & Ors. v. The Andhra Pradesh State Board Transport Corporation & Ors
Share this Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Might Also Like

498A IPC
Supreme CourtTop Stories

एक IPS पत्नी ने 498A IPC में लगाए पति पर झूठे आरोप, सुप्रीम कोर्ट में मांगी माफ़ी – क्या है असली कहानी?

July 24, 2025
Matrimonial Dispute
Top StoriesSupreme Court

BREAKING | No Quick Arrests In 498A FIRs In Matrimonial Disputes; Supreme Court Backs Family Welfare Committees

July 23, 2025
PMLA
Supreme CourtTop Stories

PMLA | जब्त संपत्ति को रखने के लिए व्यक्ति का आरोपी होना जरूरी नहीं : Supreme Court

March 23, 2025
child sexual abuse
Supreme CourtTop Stories

बाल यौन शोषण(Child Sexual Abuse) के मामले में न्याय की 40 साल लंबी प्रतीक्षा का अंत: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

March 20, 2025
Indian Law QueryIndian Law Query
Follow US

© 2025 Indian Law Query. All Rights Reserved.

  • About – Indian Law Query
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?